Wednesday, December 30, 2015

"ज्ञान का प्रतीक डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर"


"ज्ञान का प्रतीक डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर" -
दुनिया के किसी भी क्रिस्चियन से पूछो
की तुम्हारा सबसे बड़ा भगवान् और धर्मग्रन्थ
कौन सा है तो वोह बोलेगा की मैं
क्रिस्चियन हूँ, बाइबिल भगवान् की किताब
है और येशु क्राइस्ट भगवान् के बेटे हमारे लिए सबसे
पूजनीय है।
दुनिया के किसी भी मुसलमान से पूछो की
तुम्हारा सबसे बड़ा भगवान् और धर्मग्रन्थ कौन
सा है तो वोह बोलेगा की मैं मुसलमान हूँ और
अल्लाह के सिवाय कोई भगवान् नहीं है और
मुहम्मद पैगम्बर साहब उनके आखरी रसूल है ( ﻻ ﺍﻟﻪ ﺍﻻ
ﺍﻟﻠﻪ ﻣﺤﻤﺪ ﺭﺳﻮﻝ ﺍﻟﻠﻪ ) और कुरान हमारी सबसे
पवित्र किताब है ।
दुनिया के किसी भी सिख से पूछो की
तुम्हारा सबसे बड़ा भगवान् कौन है तो वोह
बोलेगा की गुरु ग्रन्थ साहब हमारे सबसे बड़े
भगवान् है, सिखों के दस गुरुओं पे विश्वास करते है
और मानते है की भगवान् एक है ।
दुनिया के किसी भी बुद्धिस्ट से पूछो की
तुम्हारा भगवान् कौन है तो वोह बोलेगा
की वोह भगवान् से ज्यादा मानवता को
महत्व देते है और मानवता की राह बताने वाले
तथागत भगवान् बुद्ध को अपना आदर्श मानते है
और त्रिपिटक उनके लिए सबसे पवित्र है ।
(Special Note/:विशेष सूचना:- पाली भाषा में
भगवान् का अर्थ इश्वर (GOD) नहीं होता है।
पाली भाषा में भगवान् का अर्थ है - "जिस
किसी भी व्यक्ति ने उसका सभी अज्ञान,
लालसा, कामुकता को जड़ से उखाड़ फ़ेंक दिया
है ऐसे व्यक्ति को भगवान् कहा गया है ।)
दुनिया के किसी भी नास्तिक से पूछो की
तुम्हारा सबसे बड़ा भगवान् कौन है? तो वो
बोलेगा की वोह भगवान्को नहीं मानते और
ना ही कीसी किताब को, वोह तो सिर्फ
मानवता को ही मानते है और तर्क पे विश्वास
करते है ।
इन सभी लोगों से आपको साफ़ साफ़ जवाब
मिलेगा और वोह भी बिना किसी भ्रम
(Confusion) के।
अब हिन्दुओं से पूछो की तुम्हारा सबसे बड़ा
भगवान् कौन है और तुम्हारा धर्म ग्रन्थ कौन
सा है तो आपको ये उत्तर मिलेगा:
अगर महाराष्ट्र के हिन्दुओं से पूछो की
तुम्हारा सबसे बड़ा भगवान् कौन है, तो वे कहेंगे
- गणेश
अगर दिल्ली के हिन्दुओं से पूछो की तुम्हारा
सबसे बड़ा भगवान् कौन है , तो वे कहेंगे - राम
अगर गुजरात के हिन्दुओं से पूछो की तुम्हारा
सबसे बड़ा भगवान् कौन है , तो वे कहेंगे - कृष्ण
अगर बंगाल के हिन्दुओं से पूछो की तुम्हारा
सबसे बड़ा भगवान् कौन है , तो वे कहेंगे - माँ
दुर्गा
अगर बिहार के हिन्दुओं से पूछो की तुम्हारा
सबसे बड़ा भगवान् कौन है , तो वे कहेंगे - शंकर
अगर दक्षिण भारत के हिन्दुओं से पूछो की
तुम्हारा सबसे बड़ा भगवान् कौन है , तो वे
कहेंगे - मुरुगन/ बालाजी
अगर नेपाल के हिन्दुओं से पूछो की तुम्हारा
सबसे बड़ा भगवान् कौन है , तो वे कहेंगे - पशुपति
नाथ
धर्म ग्रन्थ के बारे में पूछोगे तो कोई कहेगा
भगवद्गीता, कोई कहेगा रामायण, कोई
कहेगा महाभारत, कोई कहेगा वेद, कोई कहेगा
उपनिषद्, कोई कहेगा श्रुति, और कोई कहेगा
उसको पता नहीं!
आपको साफ़ साफ़ जवाब नहीं मिलेगा और
भ्रमित (Confused) हो जाओंगे!
अस्सल में हिन्दू नाम का कोई धर्म ही नहीं है,
अगर आप विश्लेषण करें तो हिन्दू ये शब्द मुसलमान
राजाओं ने गुलाम बनाये हुए, पकडे हुए, बंदी
बनाये हुए उच्च जाती के लोगों को हिन्दू
कहा था। हिन्दू का Arth Das ,hara huwa, Dasyu होता है और कुछ नहीं।
हिन्दू ये शब्द जो खुद को हिन्दू कहते है और
हिन्दू होने पर गर्व करते है उनके किसी भी धर्म
ग्रन्थ में नहीं है,न ही वेद में है, ना ही पुरानों
में है और ना ही भागवाद गीता में है! इससे ये
साबित होता है की हिन्दू ये धार्मिक शब्द
नहीं है। तो फिर लोग "हिन्दू, हिन्दू हिन्दू"
क्यों चिल्लाते रहते है? अस्सल में हिन्दू नाम का
कोई धर्म नहीं है ये तो सिर्फ एक गाली है
मुसलमान राजाओं ने दी हुयी! हिन्दू धर्म
जिसको कहते है उसका असली नाम है वैदिक
धर्म, या सनातन धर्म या फिर ब्राह्मणी
धर्म और ये धर्म जाती व्यवस्था (Caste
System),छुआ-छूत ( Untouchability) , और मानवता
की उच्च निच्चता (lower caste-higher caste) पे
आधारित है और इसको सनातन (Eternal) कह
गया है, सनातन यानी की कभी ना
बदलनेवाला! इसमें सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण,
क्षत्रिय और वैश्य लोगों का ही भला है
जिनकी संख्या इस देश के 15% है। फिर ये सभी
सनातनी लोग " हिन्दू, हिन्दू, हिन्दू" क्यों
चिल्लाते रहते है? वोह इसलिए चिल्लाते रहते
है, क्यों की सनातनी धर्म या फिर
ब्राहमनी धर्म का नारा लगाया जाय तो
कोई भी पिछड़ी जात का, शुद्र जात का,
या फिर अनुसूचित जाती/जनजाति का
आदमी मुर्ख नहीं बनेगा और ब्राह्मण जो हिन्दू
नाम पर लोगों को मुर्ख बनाते आ रहे है उनकी
असलीयत, उनकी असली औकात सामने आ
जाएगी। जैसे ही उनकी असलियत सामने आएगी
वैसे ही ब्राह्मण और उनके पालतू कुत्ते, कुत्ते की
मौत मारे जायेंगे!!! हिन्दू ये कोई धर्म नहीं है
ये तो एक षड़यंत्र है पिछड़ी जात और अन्य जात
के लोगों को मुर्ख बनाने का और उनको दुसरे
समुदायों के खिलाफ भड़काने का!
अगर आपको हमारी बात पे जरा भी संदेह है
तो आप ऊपर लिखी हुयी सभी बातों की स्वयं
पुष्टि कर सकते है।

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