Tuesday, January 5, 2016

एक षड्यंत्र के तहत जातियां बनाकर उनमें ऊंच नीच के आधार पर भेदभाव करने की घटिया हरकतों को धर्म कह रहे हैं


जैसी कि एक कहावत है, एक झूठ को सौ बार बोल दो, वही झूठ लोगों को सच लगने लग जायेगा।

हमारे समाज के साथ सैकड़ों वर्षों से ऐसा ही होता आ रहा है,मनुवादी लोगों ने झूठ को इतना अधिक बार बोला है कि हमारे लोग उस झूठ को झूठ मानने को तैयार नहीं है बल्कि उस झूठ को धर्म की बात समझ रहे हैं जिसके कारण आज भी मूर्खतापूर्ण बातों को मानते चले आ रहे हैं जैसे कि हाथी की सू्ंड लगे हुए गणेश को भगवान समझकर सबसे पहले उसकी पूजा करना। आठ और दस हाथों वाली बनावटी देवियों को माता रानी मानकर उनकी पूजा करना ,पूरा का पूरा पहाड़ उठाकर आकाश में उड़ने वाले एवं सूर्य को अपनी गाल में दबाने वाले झूठ को सच मानकर आज भी बनावटी हनुमान को देवता समझकर पूजने में लगे हुए हैं।
   सड़े हुए बदबूदार पानी में नहा कर स्वर्ग में जाने की चेस्टा कर रहे हैं।

कौवे के द्वारा अपने मृत पूर्वजों को स्वर्ग में हलवा खीर पूड़ी भेजने में अपनी बुद्धिमानी समझने में लगे हुए हैं।
एक षड्यंत्र के तहत जातियां बनाकर उनमें ऊंच नीच के आधार पर भेदभाव करने की घटिया हरकतों को धर्म कह रहे हैं।

ढोल,शुद्र,पशु,नारी ये सब ताड़न के अधिकारी,
ब्राह्मण पूजे ज्ञान गुण हीना
शुद्र न पूजे ज्ञान प्रवीणा 
जैसी घटिया बातें जिन पुस्तकों में लिखी हुई हैं उनको पवित्र धार्मिक ग्रंथ माना जा रहा है और यह सब झूठ को सच मान लेने की वजह से ऐसा हो रहा है।

लेकिन अफसोस और दुख तो तब होता है कि बाबा साहेब अम्बेडकर जैसे लोगों की बात को भी यह समाज दरकिनार कर देता है एवं उन झूठी बातों को छोड़ने को तैयार नहीं है।
हमारे समाज के सभी लोगों से निवेदन है कि बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा बताई गई निम्नलिखित बातों पर यकीन करें एवं जो बातें आज तक मानते आये हैं उन सभी को आज से ही छोड़दें एवं बाबा साहेब अम्बेडकर के द्वारा बताई गई निम्नलिखित बातों पर  यकीन करें व उनको समझें। 
 १. तुम्हीं भारत के मूलनिवासी और सहोदर भाई हो |
२. तुम्हीं को इससे पहले अनार्य,असुर,राक्षस,शुद्र,अछुत
और अब दलित या हरिजन कहा जाता है |
३. आर्यों और अनार्यों के युद्ध मैं तुम्हारी हार का
परिणाम तुम्हारी गुलामी है |
४. समस्त भारत भूमि तुम्हारे पूर्वजों की धरोहर है |
५. तुम्ही इसके सच्चे और सही उतराधिकारी हो |
६. तुम्हें बलात गुलाम बनाया गया है |
७. तुम्हारे धन और धरती पर बलात कब्ज़ा किया गया है
|
८. तुम्हारी सभ्यता, संस्कृति, साहित्य, इतिहास,और
धर्म नष्ट कर दिया गया है|
९. तुम्हें धर्म का भी गुलाम बना लिया गया है
१०. तुम हिन्दू कभी नहीं थे, तुम आज भी हिन्दू नहीं हो
११. तुम हिन्दू धर्म के गुलाम हो
१२. हिन्दू धर्म छोडना, धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि
गुलामी की जंजीरे तोडना है |
१३. इसे वीर ही कर सकते है , तुम्हारे पूर्वज वीर थे
१४. तुहारी रगों मैं उनका खून है इसे पहचानो
१५. शिक्षित बनो,संगठित रहो,संघर्ष करो ,विजय
तुम्हारी है
१६. जाति के आधार पर किसी को ऊँचा मानना पाप है
और नीचा मनना महापाप
१७. हिन्दू धर्म की आत्मा वर्ण जाति और ब्रह्मण
हितेषी कर्मकांडो मे है |
१८. वर्ण और जाति के बिना हिन्दू धर्म की कल्पना ही
नहीं की जा सकती |
१९. हिन्दू धर्म मे कर्म नहीं, जाति प्रधान है |
२०. जब तक तुम हिन्दू धर्म के गुलाम रहोगे तुम्हारा
स्थान सबसे नीचा रहेगा
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तुम हिन्दु क्यों नहीं हो ?
१. हिन्दु धर्म वर्णों का है तुम किसी भी वर्ण मैं नहीं
आते हो, जबरदस्ती सबसे नीचे वर्ण मैं रखा है |
२. हिन्दु धर्म के कर्मकांडों को तुम्हे नहीं करने दिया
गया और तुम नहीं कर सकते हो |
३. हिन्दु धर्म के भगवान उनके अवतार और उनके देवी देवता
न तो तुम्हारे है और न तुम उनके हो |
४. इसलिए वे तुम्हारे साये से भी परहेज करते आये हैं और
आज भी कर रहे है |
५. कुत्ते बिल्ली की पेशाब से उन्हें कोई परहेज नहीं है
परन्तु तुम्हारे द्वारा दिए गए गंगा जल से अपवित्र हो
जाते हैं|
६. उनकी पुनः शुद्धि गाय के मल-मूत्र से होती है |
७. हिन्दू धर्म के देवी देवता तुम्हारे पूर्वजों के हत्यारे हैं |
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सामाजिक स्थति
१. तुम्हें समान, मानव अधिकार,सामान
अधिकार,सामाजिक अधिकारों से वंचित रखा गया है
२. तुम अनार्य(हिन्दू) समाज की परिधि-रेखा के बाहर
के आदमी हो |
३. इसीलिए विद्या अर्जन तुम्हारे लिए वर्जित था
४. धन इकठ्ठा करना पाप था
५. शारीरिक क्षमता बढ़ाना मन था
६. राजनीती की बात तो सोचना स्वप्न मैं भी मना
था,तुम्हारे हिस्से सिर्फ काम ही काम दिया गया|
७. तुहारी मुख्य समस्या तुम्हारी गरीबी नहीं बल्कि
हिन्दू धर्म और समाज है, जिसमें जाति के आधार पर
तुम्हारा धार्मिक, सामाजिक,आर्थिक एव राजनेतिक
शोषण हो रहा है |
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१५ अगस्त १९४७
१. तुम्हारी विरासत पर तीन बार हमला हुआ:
-आर्यों का
-मुसलमानों का
-अंग्रेजों का
२. तुम दूसरी और तीसरी गुलामी मैं फंस गए |
३. १५ अगस्त १९४७ को तुम्हें गुलाम बनाने वाले आजाद
हो गए ,पर तुम्हे चार हज़ार वर्ष पूर्व गुलाम बनाने वालों
ने तुम्हें आजाद नहीं किया |
४. तुम्हारी लड़ाई चंद अधिकारों की लड़ाई नहीं है ये
तो आज़ादी की लड़ाई है |
५. इस लड़ाई के लिए मैंने तुम्हें महान अस्त्र दिया है जो
हिन्दुओं के ब्रह्मास्त्र से भी बड़ा है
६. ये अस्त्र है - एक व्यक्ति का एक वोट (मताधिकार)
७. राजा बनने के लिए रानी के पेट की जरूरत नहीं, तुम्हारे
वोट की जरूरत है |
८. तुम अपने वोट से खुद राजा बन सकते हो |
९. तुम्हें जो आरक्षण मिला है ये किसी की दया या
भीख नहीं है, ये तुम्हारा अधिकार है |
८. अधिकार मांगने से नहीं मिलता इसे छीनना होता है
इसे छीन लो |
९. ऐसा करने मैं क़ुरबानी देनी होती है, जिस कौम में
क़ुरबानी देने वाले नहीं वो कौम कभी आगे नहीं बढ़
सकती, क़ुरबानी दो आगे बढ़ो
१०.सावधान रहो अपने खिलाफ की जाने वाली
साजिशों को पहचानो और विफल करो |
११. तुम्हें अपने पैर चाहिए बैसाखी नहीं |
१२. संस्कार मैं दिए गए सूअर , भेड़, बकरे, मुर्गे, जूता सिलने
की मशीन तुम्हारा आर्थिक उथान नहीं कर सकेंगे |
१३. ये तुम्हारे और तुम्हारी आने वाली पीढ़ीयों को
ख़राब करने की साजिश है, इसका बहिष्कार करो |
१४. पूना-पेक्ट की वजह से तुम्हारा राजनेतिक अधिकार
बेमाने हो गए है |
१५. इससे तुम्हारा राजनेतिक प्रतिनिधित्व विकलांग
ही नहीं बल्कि लकवाग्रस्त गो गया है |
१६. नौकरी मैं आरक्षण पूरा न होने के कारण तुम्हारे
लाखो-करोड़ों भाई बेकार है |
१७. इससे तुम्हारे समाज का लाखों करोडो का नुकसान
हो रहा है, इस नुकसान को बचाओ|
१८. याद रखो तुम्हारे प्रति जो सवर्णों का आकर्षण है
वो प्रेम नहीं बल्कि तुम्हारे खो जाने का भय है |
१९. इक्कीसवीं सदी तुम्हारी होगी इसे कोई रोक नहीं
सकता इस पर विश्वास करो |
२०. याद रखो अन्याय का विरोध सम्मान और
अधिकार की प्राप्ति ही जीवन है
🙏🙏🙏🌷🌺💐👏🏻👏🏻👏🏻🌷🌺💐🙏🙏🙏
समता सैनिक दल द्वारा समाज हित में जारी।



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