Thursday, January 28, 2016

गलत बोल रही हैं स्‍मृति ईरानी, मैंने सजा का समर्थन नहीं किया : प्रोफेसर प्रकाश बाबू

गलत बोल रही हैं स्‍मृति ईरानी, मैंने सजा का समर्थन नहीं किया : प्रोफेसर प्रकाश बाबू

Reported by Uma Sudhir | Updated: Jan 22, 2016 00:58 IST

हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र कल्‍याण के डीन प्रोफेसर प्रकाश बाबू
हैदराबाद: हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक वरिष्‍ठ प्रोफेसर प्रकाश बाबू ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी के उस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है जिसमें मंत्री ने दलित छात्र रोहित वेमुला के निलंबन के फैसले में प्रोफेसर का भी हाथ होने की बात कही थी। गौरतलब है कि रोहित वेमुला ने रविवार को खुदकुशी कर ली थी।

छात्र कल्‍याण के डीन प्रोफेसर प्रकाश बाबू ने एनडीटीवी को बताया कि ईरानी ने ये गलत कहा है कि मैंने एस कमेटी की अध्‍यक्षता की थी जिसने बीजेपी के युवा संगठन एबीवीपी के एक छात्र नेता को पीटने के आरोप में रोहित वेमुला और 4 अन्‍य दलित छात्रों को सजा देने का निर्णय लिया था। प्रोफेसर बाबू ने यहां तक कहा कि उन्‍हें आखिरी वक्‍त में कमेटी का हिस्‍सा बनाया गया था। मैंने कमेटी की चर्चा में हिस्‍सा लिया था और मैंने यह कहकर निलंबन का विरोध भी किया था कि इससे छात्रों के विकास पर असर पड़ेगा।

गौरतलब है कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित छात्रावास कक्ष में 17 जनवरी को पीएचडी के दलित छात्र रोहित वेमुला ने फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर ली थी।

4 छात्रों का निलंबन वापस
हैदराबाद विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने गुरुवार को चार दलित शोध छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया। उधर, दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में छात्रों का प्रदर्शन गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। रोहित को भी चार छात्रों के साथ निलंबित किया गया था और छात्रावास से निष्कासित किया गया था।

परिसर में छात्रों को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि रोहित की आत्महत्या के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय को मंत्री पद से हटाया जाए।

उधर, विश्वविद्यालय के अनुसूचित जाति-जनजाति से ताल्लुक रखने वाले 10 शिक्षकों ने स्मृति पर गुमराह करने वाला बयान देने का आरोप लगाते हुए अपने प्रशासनिक पदों को त्याग दिया। दबाव के बीच विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने चार छात्रों के निलंबन को रद्द कर दिया।

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