Monday, February 1, 2016

मंत्रालय बार-बार रिमाइंडर भेजकर विश्वविद्यालय पर रोहित वेमुला पर कार्रवाई करने का दवाब बना रहा था

Written by : नेशनल दस्तक ब्यूरो
Date : 2016-01-20

नई दिल्ली। दलित छात्र रोहित खुदखुशी मामले में एक अहम जानकारी सामने आई है, रोहित वेमुला के निलंबन के लिए मानव संसाधन (एचआरडी) मंत्रालय से कई बार पत्र लिखे गये थे और हैदराबाद विश्वविद्यालय पर दबाव बनाया गया था। मंत्रालय बार-बार रिमाइंडर भेजकर विश्वविद्यालय पर रोहित वेमुला पर कार्रवाई करने का दवाब बना रहा था। हालांकि मंत्रालय इन आरोपों का खंडन कर रहा है। छात्र खुदकुशी मामले पर जाने-माने साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने अपनी डी-लिट की उपाधि भी वापस कर दी है। यह उपाधि उन्हें हैदराबाद विश्वविद्यालय से मिली थी।
 
रोहित ने रविवार को होस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। मंत्रालय का खंडन तब सामने आया, जब यह बात सामने आई है कि मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा 17 अगस्त 2015 को लिखे पत्र को लेकर चार रिमांइडर सहित पांच पत्र विश्वविद्यालय को लिखे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रवक्ता घनश्याम गोयल ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि मंत्रालय ने विश्वविद्यालय पर किसी प्रकार का दबाव डाला था। मंत्रालय ने केवल सेंट्रल सेक्रेटेरियट मैनुअल ऑफ ऑफिस प्रोसीजर का पालन कर रहा था। गोयल आगे कहते कि प्रक्रिया के मुताबिक अगर किसी वीआईपी का अनुमोदन होता है तो इस बात का 15 दिनों में संज्ञान लेना होता है और अगले 15 दिनों में उसका जवाब देना होता है। चूंकि विश्वविद्यालय की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद ही मंत्रालय की ओर से रिमांइडर भेजे गए थे।

सूत्रों के मुताबिक  मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी को पहला पत्र 3 सितंबर 2015 को भेजा था। इसके बाद 24 सितंबर, 6 अक्टूबर, 20 अक्टूबर और 19 नवंबर को रिमाइंडर भेजे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने आखिरकार 7 जनवरी को अपना जवाब भेजा। विश्वविद्यालय में दो छात्र संगठनों के बीच झड़प के बाद दत्तात्रेय ने एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा था। झड़प में भाजपा से संबंधित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक छात्र नेता सुशील कुमार पर हमला किया गया था।

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