Monday, February 8, 2016

दगडू शिंदे जल विभाग में इंजिनियर बन गए

एक बार दगडू शिंदे जल विभाग में इंजिनियर बन गए | आरक्षण से नौकरी मिल गई तो मंदिर में चढ़ावा चढ़ा आये | थोडा समय हुआ तो प्रोन्नति में आरक्षण से प्रोन्नति भी पा गए | बड़े खुश हुए | अब तो घर में भगवान गणेश आयोजन हुआ, सत्यनारायण कथा का आयोजन हुआ और माता का जागरण कराकर ब्राह्मण  को भोजन करवाया | समय बदला और प्रोन्नति में आरक्षण ख़त्म कर दिया गया और इसके वजह से प्रोन्नति पाए हुए सभी अधिकारी कर्मचारी अवनत हो गए | अब दगडू शिंदे बड़े दुखी हुए | सीधे भगवान की शरण में पहुँच गए | भगवान भी प्रसन्न होकर तुरंत प्रकट हो गए |
भगवान : कहो वत्स ! क्या परेशानी है ?
दगडू शिंदे : हे ! प्रभु मेरा डिमोशन हो गया है | 
भगवान : इसमें मैं क्या कर सकता हूँ ?
दगडू शिंदे : भगवान मैं चाहता हूँ कि मेरा फिर से प्रमोशन हो जाये |
भगवान गणेश : सा** ( लात मारते हुए )मुजे क्या तुमने सेवायोजन मंत्री समझ रखा हे | जो तेरा प्रमोशन करवा दूंगा |
दगडू शिंदे : प्रभु ! सब कुछ आपकी मर्जी से हो होता है | आपकी मर्जी के बिना कुछ नहीं होता है |
भगवान  : अगर सब कुछ मैं ही करता तो फिर संविधान की जरुरत ही क्या थी ? भीमराव आंबेडकर ने संविधान बनाकर हमारा सर्वनाश कर दिया, ३३ करोड देवी देवताओं कि नसबंदी करवा गई और कहते हो कि नौकरी लगवा दो |
दगडू शिंदे : प्रभु आप ये क्या कह रहे हैं ?
भगवान् : हरामखोर हमारा वश चलता तो तुम्हारे जैसे लोगो को पढने ही नहीं देते | इसलिए हजारों साल तुम्हारे बाप दादा को शिक्षा, संपत्ती और शस्त्र रखने से पाबंदी कि थी. तुम्हे हक्क अधिकार से वंचित रखा था. अंग्रेजो का साथ सहयोग लेकर भीमराव आंबेडकर ने हमारा सत्यानाश कर दिया.
दगडू शिंदे : प्रभु मैंने तो आपको नौकरी लगने से लेकर प्रमोशन होने तक हर जगह चढ़ावा चढ़ाया है |
भगवान : अबे हरामखोर जब हमने पढने का ही अधिकार नहीं दिया तो नौकरी और प्रोन्नति कैसे दे सकते हैं ? नौकरी प्रमोशन तुमको संविधान से मिलती है और चढ़ावा यहाँ चढाने आ जाते हो तो क्या हम तुमको बुलाने जाते हैं | अबे तुम पैरो से पैदा हुए हो और तुम्हारा काम निष्काम सेवा करना है | पद से अवनति होना ऊपर से नीचे जाना यानि पैरो में जाना ही है |
दगडू शिंदे : सा** थूकता हूँ तुम पर अब अगर चढ़ावा चढाऊंगा तो समाज को और पूजा करूँगा तो संविधान की और पाठ करवाऊंगा तो संविधान का

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