Saturday, November 26, 2016

प्रधानमंत्री का फैसला अच्छा हैं लेकिन

फैसला अच्छा हैं लेकिन
जन उदय : प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने कहा आज से ५०० और हजार के नोट आठ नंवबर २०१६ से बंद कर दिए है , मोदी ने कहा की ये देश में फैला काला धन , नकली नोट एकदम बंद क्र दिया जाएगा और यह देश के विकास के लिए एक यग्य है . मोदी ने कहा यह फैसला एक गोपनीय फैसला है और अचानक लिया गया है

मोदी ने कहा की लोग अपने असली नोट जल्द ही ३० दिसबर तक बदल सकेंगे और इसमें लोगो को घबराने की जरूरत नहीं .

मोदी के इस फैसले से पुरे देश में हडकम्प मच गया है यानी जैसी योजना थी वैसा ही हो गया लोगो का ध्यान दलितों की हत्या से हट गया है , कश्मीर समस्या भूल गए है गरीबी महंगाई , बरोजगारी से भी हट गया है , छज्जू चाय वाला परेशान घूम रहा है की उसके महीनो से जोड़े रूपये अब मिटटी हो जाएंगे क्या ?

खैर इस नोट को बंद करने के पीछे के षड्यंत्र को भी समझ ले तो जयादा अच्छा होगा इसमें सबसे पहले उन ने रूप से अमीर लोग या छोटे मोटे रिश्वत खोर अफसर या दुकानदार उस पर इसका फर्क पढ़ेगा लेकिन ख़ास नहीं

लेकिन इन नोट में सबसे खतरनाक बात यह की गई है की इसमें से देश के गौरव और लोकतंत्र को दिखाने वाले शेर के निशाँ और अशोक चक्र को हटा दिया गया है , यह अशोक चक्र और सारनाथ का चिन्ह दरसल ब्राह्मणों के आँखों की किरिकिरी हमेशा से रहा है , यही नहीं बल्कि सविंधान को भी ऐसे ही खत्म कर दिया जाएगा न्याय और शान्ति और देश के विकास के नाम पर

अशोक चक हमारे स्वर्णिम अतीत और बौध धर्म को दर्शाता है इनको खत्म करने के लिए ब्राह्मणवादी लोग रास्ते ढून्ढ रहे थे गांधी की हत्या करने वाले संघ ने गांधी को नोट पर इसलिए बनाए रखा है क्योकि गांधी ब्राह्मणवाद जातिवाद वर्णवाद , और सामन्ती परम्पराओं की रक्षा करने वाला था इसलिए जब तक गांधी रहेगा तब तक यह जातिवाद रहेगा इसलिए इसको हटाया नहीं गया .

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