Saturday, November 26, 2016

रोहित वेमुला मिशन का प्रतिक्रांति है JNU प्रकरण

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रोहित वेमुला मिशन का प्रतिक्रांति है JNU प्रकरण-एक चर्चा।

🌟JNU में कन्हैया कुमार प्रकरण एक preplanned षड्यंत्र:🌟

🌹मै फिर से बाबा साहेब का धन्यवाद देना चाहूँगा कि आपने वह सब सारी जानकारी दी है जो हमें सही और गलत में अंतर बड़ी आसानी से बता देते है। उनमे से एक है बाबा साहेब द्वारा लिखा साहित्य "भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति".

👉अब हम 'JNU कन्हैया कुमार प्रकरण' को और ' university of hyderabad के रोहित वेमुला प्रकरण' को एक साथ study करे।

✒बाबा साहेब हमेशा कहते थे कि भारत में अगर 2 क्रान्तिया एक साथ होती है जिसमे एक क्रांति अगर कोई बहुजन करता है और यह समझ जाना चाहिए कि दूसरी क्रांति brahminical system जनित होती है जो हमारी क्रान्ति का प्रतिक्रांति होती है और हमारे द्वारा चलाया जाने वाला आन्दोलन स्वतः समाप्त हो जाता है।

👉इसी दृष्टि से हम देखते है कि रोहित वेमुला प्रकरण में आरएसएस बीजेपी और बड़े बड़े हिंदुत्ववादी नेताओ के फंस जाने पर जब इनके पास इस क्रान्ति को रोकने का कोई तरीका नहीं मिला तो इन्होने JNU प्रकरण को हवा दी और आज वह सभी स्टूडेंट जो कि अभी तक रोहित वेमुला की लड़ाई लड़ रहे थे अब वे अचानक देशभक्त के झांसे में फंस गए। अब सभी लोग रोहित वेमुला के मिशन को भूलकर हिन्दू मुश्लिम प्रकरण को हवा देंगे। जिससे बाबा साहेब और रोहित वेमुला का सपना अधुरा रह जाएगा और मनुवादों का सपना हम स्वतः पूरा कर देंगे।

😳आप सोच रहे होंगे कि ये सब मनगणंत बाते है तो आईये दोनों केस का पोस्टमार्टम करे। आईये करके सीखे---

🌟रोहित वेमुला का आन्दोलन से SC/ST/OBC/MINORITY सभी लोगो में एकजुटता आ गई थी चाहे किसी भी धर्म का बहुजन उर्फ़ मूलनिवासी हो सभी रोहित के अम्बेडकरी मिशन के साथ आ गए थे। अलग अलग संगठनो के के लोग इस संगठन की तरफ आकर्षित हुए और सरकार के कान हिला दिये। आरएसएस का मिशन जो कि बहुजनो को एक नहीं होने देना चाहता वह fail हुआ और रोहित जीता। और यह क्रान्ति अभी चल ही रही थी कि बहुजनो को बिखरने वाला षड्यंत्र नागपुर की आरएसएस शाखा में रचा गया और जिसे JNU में कन्हैया कुमार द्वारा उद्धृत किया गया।

👉अब JNU वाले प्रकरण को देखे......

🌟अचानक से बामपंथियो का जागरूक हो जाना जो कि इतने समय से निष्क्रिय अवस्था में पड़े थे।

🌟अचानक से बाबा साहेब के मिशन की बात करना जबकि बामपंथी हमेशा बाबा साहेब के विचारों के विरोध में काम करती है मतलब जातीय व्यवस्था को कभी मुद्दा नहीं बनाती और रोहित वेमुला केस को कभी highlight नहीं किये।

🌟JNU में सिर्फ हल्ला किया गया न कि कोई action plan की बात हुई। और नारेबाजी भीड़ में छिपे ABVP के एजेंट किये गए। उनकी पहचान होनी चाहिए।

🌟बाबा साहेब हमेशा राष्ट्रहित में काम किये और कोई भी ambedkarites राष्ट्रविरोधी काम नहीं कर सकता वो भी जब बाबा साहेब का नाम जुडा हो। मगर JNU में ऐसा नहीं दिखा।

🌟रोहित का आन्दोलन अभी तक चल रहा करीब करीब उसकी लड़ाई पिछले 8 महीनो से संघर्शील रही जो अभी आन्दोलन के रूप में राष्ट्रव्यापी फ़ैल रहा। मगर मीडिया ने कभी भी उसको front page का कवरेज नहीं दिया। मगर JNU वाले केस को 1ही दिन में front पेज और सभी मीडिया पर viral होना यह काम ब्रह्मिनिकल विचारधार से ही सपन्न हो सकती है।

👉अब इसका result क्या होगा--
💀ABVP के प्रति लोगो का नजरिया बदलेगा क्योंकि अब ये लोग जगह जगह राष्ट्रहित में पुतला फूकेंगे और लोग राष्ट्रवादी समझेंगे। और रोहित case के लगे दाग abvp पर से धुल जायेंगे।
💀SC ST OBC MINORITY का ध्रुवीकरण हो जाएगा और इनका जो unity बनी थी रोहित प्रकरण को लेकर, अब वह बिखर जायेगी।
💀अब बहुजन लोगो का बिखराव हिन्दू-मुश्लिम के रूप में होगा।
💀ऐसा होने से अब रोहित प्रकरण में जो लोग unite हुए थे  अब वे लोग divide हो जायेंगे और रोहित वेमुला का आन्दोलन ख़त्म हो जाएगा क्योंकि अब वंहा के बिखरे लोग नासमझी मे abvp के झांसे में फंस जायेंगे।

🌟तो अब करना क्या है?नीचे पड़े👇

🔥किसी भी हालत में हमें बटना नहीं है और रोहित वेमुला का मिशन चलाते रहना है ।
🔥कोई भी बहुजन event celebrate करे तो हमलोग रोहित प्रकरण की चर्चा जरूर करे।
🔥बाबा साहेब द्वारा लिखित book "भारत में क्रान्ति और प्रतिक्रांति" का अध्ययन जरूर करे।
🔥किसी भी घटना का जब तक मकसद न पता चल जाए तब तक उसके झांसे में न फंसे।



जय भीम जय। जय भारत।।
Plz Be aware &
Be Ambedkrite

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